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सोशल मीडिया पर क्या प्रतिबंध लगाने की तैयारी मे है सरकार ।।

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आज का समय सोशल मीडिया का समय आ चुका है। यह लोगो को आपस मे एक तरह जोड़े रखने का काम करता है। यहां पर लोग अपने विचारो के साथ सूचना को सांझा करने की सुविधा प्रदान करता है। यहां लोग अपनी अभिव्यक्ति की आजादी समझ कर कुछ भी लिख देते है या बोल देते जो की समाज मे इसका एक अलग ही प्रभाव पड़ता है, जो की एक विक्राल रूप धारण कर लेता है। इसे लोग अपना मौलिक अधिकार समझते है। इसका उपयोग कोई संगीन घटना या दंगा एक राज्य से दूसरे राज्य मे भड़काने मे लोग इसका बखूबी से इस्तेमाल करते है। इसके जरिए बहुत तेजी से अफवाह और झूठ को सच मे बदल कर लोगो को आपस मे दंगे करवाने का काम भी करता है।  क्या सरकार इस पर रोक लगाने की तैयारी मे है।  यह अक्सर सुनने और देखने को मिलता है कि सोशल मीडिया पर अनेको न्यूज़ तोड़ मरोड़कर फलाई जाती है। जिसका सिधा उद्देश्य लोगो के बीच नकारात्मक विचारों को भरना है। हाल ही में केंद्र सरकार ने सूचना की धारा 79 में संशोधन करने की प्रणाली तैयार की है। इसके तहत फेसबुक और गूगल जैसी बड़ी कंपनी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकेगी। सरकार के द्वारा नए दिशा निर्देश जारी करने की तैयारी है। जिसके त

Sarva Pitru Amavasya 2022: पितृ विसर्जन आज, अमावस्या पर श्राद्ध तर्पण पितृ विदाई कैसे करें, जानें पितरों की शांति के उपाय।।

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सर्व पितृ अमावस्या पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध तर्पण और ब्राह्मण भोजन हमें कैसे कराना चाहिए, आज हम इस लेख के माध्यम से जनेगें। हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक का समय 15 दिन पितरों के लिए समर्पित होता है। पितृपक्ष के दौरान जो लोग अब इस धरती पर जीवित नहीं हैं, उन्हें श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण दिया जाता है।  मान्यता है पितृपक्ष में पितरदेव स्वर्गलोक से धरती पर अपने परिजनों से मिलने आते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं। पितृपक्ष के आखिरी दिन को सर्वपितृ अमावस्या, पितृ विसर्जनी अमावस्या और महालया कहते हैं। इस दिन समस्त पितरों को श्राद्ध, पिंडदान और पूजा करते हुए उनकी विदाई की जाती है। इस कारण से इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है।  *सर्वपितृ अमावस्या तिथि* सर्वपितृ अमावस्या तिथि- 25 सितंबर, रविवार  अमावस्या तिथि का आरंभ- 25 सितंबर को सुबह 03 बजकर 12 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन- 26 सितंबर को सुबह 03 बजकर 23 मिनट तक *सर्वपितृ अमावस्या का महत्व* हर माह में आने वाली अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व ह

पूरी दुनिया का सबसे पहला मोबाइल फोन, जिसके बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान।।

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आजकल मोबाइल फोन का उपयोग पूरी दुनिया कर रही है और आजकल के दौर में बिना मोबाइल के कोई नहीं रह सकता। मोबाइल फोन देश में कारोबार का एक बड़ा उद्योग हब बन चुका है। देश में विभिन्न प्रकार की स्मार्टफोन कंपनियां आए दिन नए-नए फीचर लेकर आ रही है। आजकल जब भी हमें किसी से बात करनी होती है तो हम यह नहीं सोचते कि बात करने में कितना पैसा लगेगा। जबकि आज से 27 साल पहले जब देश में फ़ोन कॉल की शुरुआत हुई तो प्रति मिनट के हिसाब से भारी भरकम चार्ज वसूला जाता था। अब तो 4G के बाद 5G की लॉन्चिंग की तैयारी चल रही है।  लेकिन कभी हमने इसके विपरीत यह सोचा है कि दुनिया में मोबाइल फोन की लॉन्चिंग कब हुई?  किस इंजीनियर ने इसे बनाया? उस समय इसकी कीमत क्या रही होगी? भारत में मोबाइल फोन कब आया? किसने भारत में मोबाइल फोन की शुरुआत की? तमाम इस प्रकार के ऐसे सवाल है जिनका शायद हमे पता नहीं होगा। तो आइए इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं। मोबाइल फोन कब और किस इंजीनियर के द्वारा बनाया गया सब कुछ जानेंगे इस लेख में। 3 अप्रैल 1973 जी हां, यह वही तारीख है जब मोबाइल फोन का पहली बार उपयोग किया गया था। इस फो

आखिर कहां से आई कॉफी, चलिए जानते हैं कॉफी के दिलचस्प इतिहास के बारे में।।

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कॉफ़ी एक लोकप्रिय पेय पदार्थ है, जो कॉफी के पेड़ के भुने हुए बीजों से बनाया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कॉफी अपने शुरुआती दिनों से ही लोगों के दिलों में राज करती रही है और जिसकी वजह से इसे सदियों तक संजोया गया और अब यह बड़े कॉफी हाउसों की शान बढ़ा रही है। आपने स्कूल में यह ज़रूर पढ़ा होगा कि कॉफी पीने वालों का पहला राष्ट्र अमरीका ही था क्योंकि किंग जॉर्ज ने चाय पर उत्पाद कर (ट्रेड टैक्स)  लगा दिया था। सबसे पहले कॉफी कब और कौन से देश में आयी। जैसा कि माना जाता है कि कॉफी की उत्पत्ति 850 ईस्वी मे इथियोपिया के काफा प्रांत में खोज सन था। यह भी माना जाता है कि इसने 15 वीं शताब्दी में लाल समुद्र के पार उत्तर की ओर यमन में प्रवेश किया। इसके बाद इसे अरब के यमन में उगाया जाने लगा और 16वीं शताब्दी तक इसे फारस, मिस्र, सीरिया और तुर्की में जाना जाने लगा दुनिया का पहला कॉफी हाउस 1475 में कॉन्स्टेंटिनोपल में खोला गया था, जिसे अब इस्तांबुल के नाम से जाना जाता है। कॉफी को घर पर दैनिक दिनचर्या के हिस्से के रूप में पिया जाता है। भारत में किसके द्वारा और कैसे लाई गई कॉफी।

पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्कुट Parle-G कैसे बना भारत का ब्रांड, जानें इस खबर के जरिए।।

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पार्ले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित पार्ले-जी या पार्ले ग्लूकोज बिस्कुट भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय बिस्कुटों में से एक है। पार्ले-जी सबसे पुराने ब्रांड नामों में से एक होने के साथ-साथ भारत में सर्वाधिक बिक्री वाला बिस्कुट ब्रांड भी हैं। 30 जुलाई 2016 को इसकी फैक्ट्री को बंद कर दिया गया। दशकों तक इस उत्पाद का मोम के कागज (वैक्स पेपर) से निर्मित सफ़ेद और पीले रंग का अति लोकप्रिय रैपर इसकी पहचान बना गया, जिस पर एक छोटी लड़की को दिखाया गया था। नकली कंपनियां लगभग समान पैकेज डिजाइन और समान नामों किन्तु निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों को बेचने का प्रयास करती रही हैं।  आखिर  क्यों   "पार्ले जी "  रखा गया नाम। पार्ले जी कंपनी का नारा है, जी का मतलब जीनियस यानि की प्रतिभाशाली। "पार्ले-जी" नाम को उपनगरीय रेल स्टेशन विले पार्ले से लिया गया है, जो स्वयं पार्ले नामक पुराने गांव पर आधारित है। पार्ले के पार्ले जी के अलावा क्रेक-ज्रेक, मेनीको ओर पार्ले मेजीक भी बाजार में उपल्बध है। साथ पार्ले-जी विश्व में सर्वाधिक बिक्री वाला बिस्कुट है।  भारत के ग्

भारत की पाँच लग्जरी ट्रेन, जिनके आगे 5 स्टार होटल भी हैं फेल, सफर में मिलता है राजा-महाराजाओं जैसा फील।।

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भारत में रोजाना भारी संख्या में लोग ट्रेन में सफर करते हैं लेकिन आज हम आपको जिन ट्रेनों के बारे में बताने जा रहें हैं उनमें सफर करना बिलकुल राजा-महाराजाओं की तरह सफर करने जैसा है। इन ट्रेनों में सफर करना भले ही महंगा होता हो, लेकिन इसमें सफर करने का मजा ही कुछ और होता है। अगर आप भी राजा-महाराजाओं की तरह शाही अंदाज में ट्रेन यात्रा का मजा लेना चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, यहां हम आपको भारत की टॉप 5 लग्जरी ट्रेन के बारे में बताने जा रहें हैं, जिनका सफर आपको राजा-महाराजा की तरह यात्रा करने का मौका देगा। 1. महाराजा एक्सप्रेस  भारत की सबसे शानदार ट्रेन। इस ट्रेन के नाम से ही पता चलता है कि यह एक बहुत ही लग्जरी ट्रेन हैं। इस ट्रेन में सफर करने का सपना हर किसी भारतीय का होता है। आपको बता दें कि इस ट्रेन में एक बड़ा डाइनिंग रूम, बार, लाउन्ज और एलसीडी टीवी उपलब्ध हैं। इस ट्रेन में इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध है और लक्जरी बाथरूम भी बने हुए हैं। इस ट्रेन की खिड़की बाकी ट्रेन के मुकाबले काफी बड़ी है जिससे की बाहर का नजारा साफ नज़र आता है। साल 2012 से 2016 तक यानि 4 सालों तक इस ट्रेन

जानें भारत के 5 बड़े बिजनेस मेन के बारे में, जिन्होंने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लाई क्रांति।।

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भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसकी अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ रही है। एक देश के रूप में, यह चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या आबादी रखता है। इसमें  उद्योगपतियो का सबसे बड़ा योगदान रहा। टाटा मोटर्स जेआरडी टाटा का जन्म  का जन्म 1904 में पेरिस में हुआ था। उन्होंने सबसे लंबे समय तक टाटा ग्रुप की अगुवाई की। उन्होंने भारत को अपनी पहली एयरलाइन देने के साथ ही स्टील सेक्टर में भी ग्लोबल पहचान दिलाई। जेआरडी टाटा बचपन से ही हवा में उड़ने को लेकर रोमांचित रहते थे। जब वो 15 साल के थे, तभी उन्होंने फ्रांस में एक विमान में उड़ान भरी थी। 1932 में जेआरडी ने टाटा एविएशन सर्विस की शुरुआत की और आज के समय में टाटा मोटर्स भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कम्पनी बन चुकी है। इसका पुराना नाम टेल्को ( टाटा इंजीनियरिग एंड लोकोमोटिव कम्पनी लिमिटेड ) था और इसकी शुरुआत टाटा घराने से ही की गई थी। इस कंपनी की शुरुआत रेल इंजन हीं बनाने के लिए हुआ था, लेकिन अब इसकी शुरुआत हल्के और भारी वहन बनने के लिए कर्यरत है। साथ ही इसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को

जानिए भारत के शीर्ष पांच सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट सट्टेबाजी ऐप्स के बारे में।।

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सट्टेबाजी भारत में अवैध है लेकिन इसके बावजूद इन साइटों का संचालक भारत में किया जाता है। परन्तु इसके पश्चात भारतीय उपयोगकर्ता पूरी वैधता के साथ विदेशी सट्टेबाजी साइटों का उपयोग कर सकते हैं और वह भी भारतीय मुद्रा का उपयोग करके। सट्टेबाजी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कानूनों या कृत्यों की कमी के साथ, आप कह सकते हैं कि भारत में सट्टेबाजी काफी असंगठित है।  भारतीय उपयोगकर्ताओं ने इस लूप का अधिकतम लाभ उठाया है और क्रिकेट सट्टेबाजी उद्योग और प्लेटफॉर्म हर दिन फल-फूल रहे हैं। भारत में बहुत सारे स्पोर्ट्स बेटिंग ऐप हैं जहां उत्साही लोग खेलते हैं और रोमांचक पुरस्कार भी जीतते हैं। यह आर्टिकल आपको भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट सट्टेबाजी ऐप्स के बारे में बताएगा। बेटवे (betway) बेटवे सट्टेबाजी उद्योग में काफी समय से है, लेकिन क्रिकेट सट्टेबाजी अभी भी उनके लिए नई है। नएपन के बावजूद, उपयोगकर्ताओं ने इस ऐप को काफी पसंद किया है और पहले से ही उद्योग में सकारात्मक कारणों से चर्चा का विषय बना हुआ है। यह एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म के लिए उपलब्ध है। बेटवे आईपीएल प्रशंसकों की