जानें भारत के 5 बड़े बिजनेस मेन के बारे में, जिन्होंने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लाई क्रांति।।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसकी अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ रही है। एक देश के रूप में, यह चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या आबादी रखता है। इसमें  उद्योगपतियो का सबसे बड़ा योगदान रहा।

टाटा मोटर्स

जेआरडी टाटा का जन्म  का जन्म 1904 में पेरिस में हुआ था। उन्होंने सबसे लंबे समय तक टाटा ग्रुप की अगुवाई की। उन्होंने भारत को अपनी पहली एयरलाइन देने के साथ ही स्टील सेक्टर में भी ग्लोबल पहचान दिलाई। जेआरडी टाटा बचपन से ही हवा में उड़ने को लेकर रोमांचित रहते थे। जब वो 15 साल के थे, तभी उन्होंने फ्रांस में एक विमान में उड़ान भरी थी। 1932 में जेआरडी ने टाटा एविएशन सर्विस की शुरुआत की और आज के समय में टाटा मोटर्स भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कम्पनी बन चुकी है।

इसका पुराना नाम टेल्को ( टाटा इंजीनियरिग एंड लोकोमोटिव कम्पनी लिमिटेड ) था और इसकी शुरुआत टाटा घराने से ही की गई थी। इस कंपनी की शुरुआत रेल इंजन हीं बनाने के लिए हुआ था, लेकिन अब इसकी शुरुआत हल्के और भारी वहन बनने के लिए कर्यरत है। साथ ही इसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया है। अभी इस कम्पनी के अगुआई रतन टाटा करते है जो की जेआरडी टाटा के पुत्र है।

महिंद्र ग्रुप
 
कैलाश चंद्र महिंद्रा को के.सी. महिंद्रा के नाम से जाना जाते है। 1945 में महिंद्रा एंड मोहम्मद की सह-स्थापना की, जिसे 1948 में महिंद्रा एंड महिंद्रा नाम से पहचान मिली। 1945 में दो भाइयों केसी महिंद्रा और जेसी महिंद्रा के साथ मिलकर गुलाम मोहम्मद ने महिंद्रा एंड मोहम्मद यानी एम एंड एम नाम की कंपनी की स्थापना की थी। लेकिन 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो यह मुल्क दो भागों में बंट गया। जिस तरह दो धर्मों के नाम पर देश का बंटवारा हुआ उसी तरह ये हिंदू-मुसलमान दोस्त भी बंट गए। सबसे पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जीप का उत्पादन किया। जीप का यह आइडिया केसी महिंद्रा को अमेरिका में नौकरी करने के दौरान आया था। तब महिंद्रा ने अमेरिकन कंपनी में काम के दौरान एक जीप देखी थी।

यह जीप बनाने का सपना उन्होंने अमेरिका में ही देख लिया था। जिसे उन्होंने भारत आकर पूरा किया और उनकी कंपनी ने जीप का उत्पादन किया। वहीं बाद में कपनी ने कमर्शियल वाहन और ट्रैक्टर का उत्पादन किया और आज के समय मे भारत के दूसरी सबसे ज़्यदा नाम कमाने वाली और लोगों के दिलों मे जगह बनाने वाली कंपनी बन चुकी है |

बजाज ग्रुप

बजाज ग्रुप की नींव रखने वाले मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को हुआ था। वो मशहूर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जमनालाल बजाज के पोते थे। राहुल बजाज ने 1958 में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल की। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए भी किया था। दुनिया उन्हें स्कूटर की दुनिया में क्रांति लाने के लिए जानती है। उनकी कंपनी का नाम बजाज ऑटो है। 
यह कंपनी दो-पहिया और तीन-पहिया गाड़ियां बनाती है। बजाज कंपनी मोटरसाइकिल, स्कूटर और ऑटो रिक्शा बनाती है। मोटरसाइकिल के मामले में यह कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। वहीं तीन-पहिया गाड़ियां बनाने में यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है।

हीरो मोटर्स 

1923 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जिला टोबा टेक सिंह के कमालिया में पैदा हुए बृजमोहन लाल मुंजाल साइकिल के स्पेयर पार्ट के बिजनेस में कदम रखा और दुनिया की सबसे बड़ी टू व्हीलर कंपनी Hero Motocorp को खड़ा कर दिया। देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले बृजमोहन लाल मुंजाल अपने तीन भाइयों के साथ पाकिस्तान से अमृतसर आ गए थे। यहां पर उन्होनें साइकिल के स्पेयर पार्टस का कारोबार शुरु किया। कारोबार में तरक्की हुई और उन्होनें 1954 में हीरो साइकिल्स लिमिटेड की स्थापना की। साइकिल का कारोबार तेजी से चल निकला, उस वक्त तक देश के तकरीबन हर घर में हीरो की साइकिल दिखने लगी थी। 
Hero Cycles 1975 तक देश की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन गई। इसके बाद हीरो ने मैजेस्टिक, मोपेड बनाना शुरू किया। बाद में जापानी कंपनी होंडा के साथ करार किया। 27 सालों तक हीरो और होंडा ने साथ मिलकर बाइक्स बनाई, लेकिन 2011 में दोनों कंपनियां अलग हो गईं और इसके बाद से हीरो मोटोकॉर्प अकेले ही काम कर रही है। 

मारुति सुजुकी

यह भारतीय कंपनी है इस कंपनी का पूरा नाम मारुती सुजुकी इंडिया लिमटेड है। पहले इस कंपनी को मारुति उद्योग लिमिटेड नाम से जाना जाता था यह भारत की बहुत बड़ी वाहन निर्माता कंपनी है। इसकी शुरुआत  1981 में हुई थी। इस कंपनी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है यह कंपनी पुरे भारत में अपना व्यापार करती है और यह भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।

इस कंपनी की स्थापना भारत सरकार के द्वारा की गयी थी। शुरआत में भारत सरकार की इस कंपनी पर 18.28% की हिस्सेदारी थी और शेष बची हिस्सेदारी जापान के सुजुकी के स्वामित्व में थी।  
मई 2008 को भारत सरकार ने अपनी सारी हिस्सेदारी भारतीय वित्तीय संस्थानों को बेच दी। जिसके कारण हाल में इस कंपनी पर भारत सरकार का किसी भी प्रकार से कोई हिस्सेदारी नहीं है।
हाल में इस कंपनी के चेयरमैन R. C. Bhargava है व इस कंपनी के सीओ Kenichi Ayukawa है व यह कंपनी हाल में ऑटोमोबाइल, व्यावसायिक वाहन, वाहन के पुर्जे़, ढोने वाले ट्रकों, एसयूवी आदि से संबधित प्रोडक्ट बनाती है व इससे संबधित व्यापार करती है।

इन दोनों कंपनी के सम्बन्ध काफी पुराने है सन् 1982 को मारुती उद्योग लिमिटेड व जापान की कंपनी सुजुकी के बिच में लाइसेंस और संयुक्त उद्यम समझौते (JVA) को लेकर हस्ताक्षर हुए थे, उस समय के भारत के बाजारों में भी मारुती लिमिटेड कंपनी को शुरुआत के दो वर्षो में ही 40,000  पूर्ण रूप से निर्मित सुजुकी आयात करने का अधिकार प्राप्त हो  गया था।
इसके बाद कंपनी ने पश्चिमी बाजारों में भी अपना व्यापार शुरू कर दिया था व 500 कारो को हंगरी में भेजा गया सन् 1989 में कंपनी ने मारुति 1000 को पेश किया यह  970 cc, थ्री-बॉक्स भारत की पहली समकालीन सेडान थी व 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद सुजुकी ने मारुती में अपनी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक बढ़ा ली।
हमारे देश के बड़े बड़े उद्योगपती ने अपने-अपने कामों और अपनी सूझ बुझ से देश ही नहीं बल्कि बिदेशों मे भी अपनी कार्यरत के लिए जाने जाते है। इसी प्रकार से भारत ने पुरी दुनिया में क्रन्ति लाई।

प्रभाकर तिवारी
न्यूज़ हेल्पलाइन

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