पूरी दुनिया का सबसे पहला मोबाइल फोन, जिसके बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान।।
आजकल मोबाइल फोन का उपयोग पूरी दुनिया कर रही है और आजकल के दौर में बिना मोबाइल के कोई नहीं रह सकता। मोबाइल फोन देश में कारोबार का एक बड़ा उद्योग हब बन चुका है। देश में विभिन्न प्रकार की स्मार्टफोन कंपनियां आए दिन नए-नए फीचर लेकर आ रही है। आजकल जब भी हमें किसी से बात करनी होती है तो हम यह नहीं सोचते कि बात करने में कितना पैसा लगेगा। जबकि आज से 27 साल पहले जब देश में फ़ोन कॉल की शुरुआत हुई तो प्रति मिनट के हिसाब से भारी भरकम चार्ज वसूला जाता था। अब तो 4G के बाद 5G की लॉन्चिंग की तैयारी चल रही है।
लेकिन कभी हमने इसके विपरीत यह सोचा है कि दुनिया में मोबाइल फोन की लॉन्चिंग कब हुई? किस इंजीनियर ने इसे बनाया? उस समय इसकी कीमत क्या रही होगी? भारत में मोबाइल फोन कब आया? किसने भारत में मोबाइल फोन की शुरुआत की? तमाम इस प्रकार के ऐसे सवाल है जिनका शायद हमे पता नहीं होगा। तो आइए इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं।
मोबाइल फोन कब और किस इंजीनियर के द्वारा बनाया गया सब कुछ जानेंगे इस लेख में।
3 अप्रैल 1973 जी हां, यह वही तारीख है जब मोबाइल फोन का पहली बार उपयोग किया गया था। इस फोन निर्माण का आविष्कार अमेरिकन इंजीनियर मार्टिन कूपर ने किया। मोटरोला नामक कंपनी ने पहले फोन की लॉन्चिंग की थी। मार्टिन कपूर ने 1970 में मोटरोला कंपनी ज्वाइन की और इसके 3 साल बाद ही 1973 में उन्होंने सूचना क्षेत्र में फोन का आविष्कार कर क्रांति ला दी।
मोटरोला कंपनी ने इस फोन के अविष्कार के 10 वर्ष बाद बाजार में आम लोगों के लिए उतारा। इस फोन को लगभग 10 घंटे चार्ज करने के बाद केवल 30 मिनट बात की जा सकती थी। उस समय इसका बाजार में मूल्य लगभग ₹295669 निर्धारित किया गया था। जो कि आज के मोबाइल फोन की तुलना में आम नागरिक के लिए काफी महंगा था।
भारत में मोबाइल फोन का जन्म 31 जुलाई 1995 को हुआ। इसी दिन सबसे पहला फोन कॉल लगाया गया था। उस समय केंद्र सरकार में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री सुखराम और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बीच पहला फोन कॉल लगाया गया और दोनों के बीच बातचीत हुई। यह फोन कोलकाता से दिल्ली लगाया गया था। उस समय दोनों के मध्य क्या बात हुई, इसको लेकर हिंदू बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक सुखराम ने ज्योति बसु से कहा था कि वायरलेस तकनीक पर आधारित टेलीफोन की यह प्रणाली देश में सबसे बड़ी क्रांति साबित होने वाली है। दोनों नेताओं ने इस उपलब्धि को महत्वपूर्ण माना था। बताया जाता है कि यह पहला कॉल 16 ₹ प्रति मिनट की दर के हिसाब से लगा था।
भारत में फोन संचार क्रांति लाने वाले जनक।
भारत में मोबाइल फोन सेवा को लाने में अहम योगदान उद्योगपति भूपेंद्र कुमार मोदी को दिया जाता है। भारत के प्रमुख बड़े उद्योगपतियों में शुमार रहे बीके मोदी ने 70 के दशक में मोदी स्टील कंपनी की शुरुआत की थी। इसके बाद इनके उद्योग का विस्तार होता चला गया।
90 के दशक में यह टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े और भारत में संचार क्रांति के प्रमुख सूत्रधार बने। इन्होंने अपने ऑस्ट्रेलियाई पार्टनर के साथ-साथ nokia से संपर्क किया और आवश्यक तकनीकी जुटाई तथा ठीक 9 महीने बाद भारत में फोन सेवा की शुरुआत की।
हमें आशा है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको मोबाइल फोन के इतिहास बारे में जानकारी जरुर मिली होगी।
अंकित कुमार
न्यूज़ हेल्पलाइन
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