कनाडा बना खालिस्तानी आतंकियों का होमलैंड, बब्बर खालसा का दाऊद से कनेक्शन
बब्बर खालसा फैला रहा है आतंकी नेटवर्क, एनआईए की चार्जशीट में इसका खुलासा हुआ
INDIA - CANADA NEWS : खालिस्तानी आतंकवादी और भारत विरोधी साजिशें करने वालों का होमलैंड बना कनाडा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के रिपोर्ट्स के मुतबिक ये साफ है की कनाडा खालिस्तानी आतंकियों का एपिक सेंटर बन चुका है। एनआईए (NIA) की जांच में सामने आया प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने कनाडा में अलग -अलग शहरों में सिख रैलियों के ज़रिए फंड इक्कट्ठा किए हैं। एनआईए की जांच में यह बात साफ है की बब्बर खालसा इंटरनेशनल इस फंड का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करता है। जांच में साफ हो चुका है की प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल मुख्य तौर पर यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय से फंड जुटाता है।
एनआईए (NIA ) ने अपनी जांच में स्पष्ट किया है की बब्बर खालसा इंटरनेशनल के कनेक्शन भारत के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से हैं।जिसके पुख्ता सबूत भारतीय जांच एजेंसी के पास मौजूद हैं। जांच से यह भी सामने आया है की दाऊद इब्राहिम के ज़रिए बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए - तय्यब और इंडियन मुजाहिद्दीन के साथ मिल कर भारत के खिलाफ साजिशों को अंजाम दिया है। जांच में यह भी सामने आया है की बब्बर खालसा इंटरनेशनल के तार पाकिस्तान से ही नहीं बल्कि नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और स्कैंडेनेविया से भी जुड़े हैं।
जांच से पता चला है की साल 2002 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लखबीर सिंह के करीबी इक़बाल बंटी को अब्दुल करीम टुंडा करांची में दाऊद के बंगले पर भी लेकर गया था जहां इनके बीच भारत के खिलाफ साजिशों को अंजाम देने को लेकर एक मीटिंग हुई थी। जांच में ये भी सामने आया कि पाकिस्तान में मौजूद बब्बर खालसा इंटरनेशनल का चीफ वाधवा सिंह और गैंगस्टर से आतंकी बने हरिंदर सिंह रिन्दा दोनों मिलकर आईएसआई (ISI) के इशारे पर बब्बर खालसा की कमान संभाले हुए हैं और साल 2020 से भारत के खिलाफ पूरी तरह एक्टिव हैं।
साथ ही बब्बर खालसा इंटरनेशनल का नेटवर्क यूएस, यूके, कनाडा, बेल्जियम, जर्मनी, नोवत, फ्रांस और स्विट्जरलैंड तक फैला हुआ है। बता दें कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल को बब्बर खालसा के नाम से जाना जाता है। खालिस्तानी समर्थक एक आतंकवादी संगठन होने और एक अलग सिख स्टेट की मांग करने के चलते भारत और ब्रिटिश सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित कर रखा है।
-TWINKLE TRIPATHI
टिप्पणियाँ