AIPCMA द्वारा जंतर मंतर पर धन्यवाद प्रदर्शन का आयोजन | MBBS डॉक्टर ही पढ़ाये सिर्फ मेडिकल कॉलेज में छात्रों को ! Newshelpline
एनएमसी और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नए नियम जारी करने पर AIPCMA ने जंतर मंतर पर धन्यवाद प्रदर्शन का आयोजन किया।
धन्यवाद प्रदर्शन में देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज से आए 100 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया।
AIPCMA द्वारा आज जंतर मंतर पर एनएमसी और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नए नियम जारी करने हेतु धन्यवाद प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस धन्यवाद प्रदर्शन में देश भर के 16 राज्यों व 4 केंद्र शासित प्रदेशों से आए हुए 100 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया। इसमें UGMSR (अंडर ग्रेजुएट मिनिमम स्टेंडर्ड रिक्वायरमेंट) 2023 और CBME (competency based medical education) रेगुलेशन्स 2023 जारी करने को लेकर आभार व्यक्त किया गया।
साथ ही AIPCMA द्वारा यह भी मांग की गई कि आने वाले समय मे इन नियमो में तीन विषयों में नॉन मेडिकल अभ्यर्थियों की नियुक्ति में छूट के 15% के प्रावधान को भी समाप्त किया जाए। क्योंकि मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकीय प्रशिक्षण के लिए केवल चिकित्सक ही शिक्षक होने चाहिए। एनएमसी द्वारा जारी नए CBME पाठ्यक्रम जिसमे कॉलेज में प्रवेश के दिन से ही क्लीनिकल अध्ययन प्रारम्भ हो जाता है, चिकित्सक ही उस पाठ्यक्रम को पढा सकते हैं।
AIPCMA (ऑल इंडिया प्री एंड पारा क्लिनिकल मेडिकोस एसोसिएशन) के अध्यक्ष डॉ अभिनव पुरोहित व उपाध्यक्ष डॉ सी एम कमाल ने बताया कि अन्य प्रोफेशनल संस्थानों की डिग्री जैसे - LLB, B tech, Ayurveda, Homeopathy, Veterinary, यहाँ तक कि nursing और pharmacy संस्थानों की ही भांति मेडिकल कॉलेज में शिक्षक बनने के लिए भी मान्यता प्राप्त एवं पंजीकृत डिग्री (MBBS) आवश्यक होने के नियम कड़ाई से लागू होने चाहिए।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हमारा उद्देश्य चिकित्सक शिक्षको की योग्यता निर्धारण नियमों पर प्रकाश डालना है और नॉन मेडिकल शिक्षकों की भर्ती को पूर्णतः बंद करने की मांग करना है। उपलब्धता में कमी को गुणवत्ता से समझौता करके पूरा नहीं किया जा सकता। AIPCMA एनएमसी द्वारा नॉन मेडिकल शिक्षकों की भर्ती में छूट के प्रतिशत को घटाने के लिए एनएमसी का आभार व्यक्त करती है और इसे एक सकारात्मक दिशा में किया गया प्रयास मानती है।
इस मौके पर AIPCMA के अध्यक्ष डॉ अभिनव पुरोहित समेत उपाध्यक्ष डॉ सी एम कमाल, डॉ. रजनीश कनोजिया, व डॉ. विनोद छीपा समेत देश भर के सैकड़ों चिकित्सक शिक्षक मौजूद रहे।
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