भारत का ज़िंदा ज्वाला मुखी एक बार फिर से हुआ सक्रिय।
भारत का एकलौता जिंदा ज्वालामुखी बैरन द्वीप हैं। यही नहीं बैरन द्वीप एशिया का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी है। यह भारत के अंडमान एंड निकोबार द्वीप में स्थित है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित बैरन द्वीप ज्वालामुखी राजधानी पोर्ट ब्लेयर से 140 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह उत्तर पूर्व में स्थित है। करीब 3 किलोमीटर में फैला बैरन द्वीप अंडमान द्वीपों का पूर्वी द्वीप है। बैरन का मतलब बंजर होता है। जहां कोई रहता ना हो, यहां जंगल भी ना के बराबर है। इस द्वीप में नाम मात्र के ही पशु पक्षी देखे गए हैं।
इस द्वीप के बारे में 1787 से रिकॉर्ड उपलब्ध है। तब से अब तक यहां है और 11 बार ज्वालामुखी फट चुकी हैं। बीच-बीच में इससे लगातार धुआं निकलता रहता हैं। इसलिए इन्हें सक्रिय ज्वालामुखी कहा जाता है। हालांकि आखरी बार यह 2016 में फटा था और कई दिनों तक धुआ निकलता रहा था। यहां आज भी धुआं निकलते हुए देखा जा सकता है।
बैरन द्वीप के आसपास का पानी दुनिया के शीर्ष स्कूबा डाइविंग स्थलों में प्रतिष्ठित है। इसके आसपास का पानी स्कूबा डाइविंग के लिए सुरक्षित माना जाता है। ज्वालामुखी पास होने की वजह से इस पानी डायवर्स कोरल, लावा और कई अलग तरह की मछलियां देखी जा सकती है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ज्वालामुखी एक ऐसा पहाड़ है जिसके नीचे पिघले हुए लावा का भंडार होता है। जब पृथ्वी के नीचे ऊर्जा या जियो थर्मल एनर्जी से पत्थर निकलते हैं, तब जमीन के नीचे से ऊपर की ओर दबाव बढ़ता है तो पहाड़ ऊपर से फटता है और इसी को ज्वालामुखी कहते हैं ज्वालामुखी वही पाए जाते हैं जाट टेक्टोनिक प्लेटों में तनाव हो या फिर पृथ्वी का भीतरी हिस्सा बहुत गर्म हो। आपको बता दें कि भारत में एक सक्रिय ज्वालामुखी के अलावा भी कई अन्य ज्वालामुखी है।
दीपक झा
न्यूज़ हेल्पलाइन
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