विदेश मंत्री S Jaishankar ने बताया भारत की तीन सबसे बड़ी भूल, जिसके कारण चीन का विकास सब क्षेत्र में हुआ अधिक।।
अमेरिका के न्यूयॉर्क में, संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। हमारे विदेश मंत्री, एस जयशंकर भी भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस चल रहे दौरे में, कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक साक्षात्कार आयोजित किया गया था जहाँ उनसे एक प्रश्न पूछा गया था कि ऐसी कौन सी गलतियाँ हैं, जिनके कारण चीन का विकास भारत से अधिक हुआ है। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए एस. जय शंकर ने भारत की 3 बड़ी भूलों को चिन्हित किया।
1947 में पहली भूल।
भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन, अगर हम सही दृश्य देखें तो हम देखते हैं कि भारत के विभाजन ने राजनीतिक और आर्थिक दोनों रूप में बड़े कमी को जन्म दिया। उसके बाद हमने कभी भी विस्तार के लिए सही काम नहीं किए जबकि चीन ने 1949 से अब तक अपने क्षेत्र का विस्तार किया है।
दूसरी गलती है आर्थिक सुधार।
एस जयशंकर ने कहा कि अगर हम आर्थिक सुधारों को देखें तो हमने चीन की तुलना में बहुत देर से निर्णय लिए हैं। चीन ने भारत से 15 साल पहले आर्थिक सुधार यानि 1978 में किया जिसका अंतर हमे आज भी देखने को मिल रहा हैं। 1991 एलपीजी(LPG) सुधार करने के बावजूद हमने गंभीर फैसले नहीं लिए।
तीसरी भूल है परमाणु विलंब।
एस जयशंकर के अनुसार, हमने अपने परमाणु में देरी की, जिससे हमारी ताकत और निवेश को मजबूती कम मिली। 1974 के लाफिंग बुद्धा परियोजना से 1998 के पोखरण 2 तक भारत की धार दिखाने के लिए बहुत अधिक अंतराल लिया गया। जबकि चीन ने 1964 में इसे दागा जिससे भारत को 10 साल का अंतर मिला।
ये सभी चिंता का विषय हैं कि आने वाले पीढ़ियों को गलतियों के माध्यम से सीखने और बढ़ने के लिए आधारशिला का नेतृत्व कराएगा। एक उम्मीद है कि हमारी नई पीढ़ी देश को एकता और अखंडता के साथ विकसित करना सुनिश्चित करेगी।
अंजलि
न्यूज़ हेल्पलाइन
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