डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार चौथे साल गिरावट अब एक डॉलर के लिए खर्च करने पड़ेंगे इतने रुपये, जानिए इस ख़बर के जरिए।।

साल 2021 की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले रुपया 73.2 के स्तर पर था वहीं साल के अंत में रुपया गिरावट के साथ 74.5 के करीब आ गया है। डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। साल 2021 लगातार चौथा साल होने जा रहा है, जब डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी देखने को मिली है। स्थिति ये है कि इस साल घरेलू मुद्रा एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करंसी में शामिल है। 


आखिर कैसा रहा डॉलर के मुकाबले रुपये का प्रदर्शन।

रुपये का प्रदर्शन पूरी तरह विदेशी निवेशकों के प्रवाह के अनुसार रहा। साल 2021 की पहली तिमाही में रुपया एशिया की सबसे मजबूत प्रदर्शन करने वाली करंसी थी। हालांकि साल के अंत के साथ फेड के द्वारा सख्ती करने के संकेतो के साथ रुपये में कमजोरी देखने को मिली। साल 2021 की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले रुपये की शुरुआत 73.22 के स्तर से हुई थी फिलहाल रुपया 74.6 के करीब है। 


यानि रुपये में इस साल करीब 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। साल के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव बना रहा। फरवरी के अंत में रुपया 72.37 के ऊपरी स्तरों पर पहुंचा। वहीं गिरावट आने पर रुपया 16 दिसंबर को 76.22 के स्तर तक पहुंच गया। यानि साल के दौरान रुपया अपने ऊपरी स्तरों से 5.31 प्रतिशत तक टूट गया। डॉलर के मुकाबले रुपये ने अप्रैल 2020 में 76.90 का अपना सबसे निचला स्तर छुआ था।

कैसा रहा बीते सालों में रुपये का प्रदर्शन।

साल प्रदर्शन
2021 (30 दिसंबर तक) -1.7%
2022 -2.53%
2019 -2.11%
2018 -9.53%
2017 6.03%


क्यों आई डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी

डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी की मुख्य वजह फेडरल रिजर्व के द्वारा राहत कदमों में सख्ती की योजना की वजह से देखने को मिली है। दरअसल फेडरल रिजर्व के राहत कदमों की वजह से दुनिया भर के बाजारों में लिक्विडिटी का फ्लो बढ़ा हुआ था। घरेलू शेयर बाजारों में तेजी के रुख के बीच देश में बड़े पैमाने में विदेशी निवेशकों ने निवेश किया। प्रवाह की वजह से रुपये को सहारा मिला और उसमें स्थिरता रही। हालांकि साल के अंत तक लिक्विडिटी पर नियंत्रण के संकेतों के साथ विदेशी प्रवाह पर असर दिखा और डॉलर में मजबूती के साथ रुपये में कमजोरी हावी हो गयी।


कितने स्तर तक पहुंच सकता है रुपया।

जानकारों की माने तो रुपये में आगे भी गिरावट देखने को मिल सकती है। डॉलर के मुकाबले रुपया यहां से भी 3 से 4 प्रतिशत लुढ़क सकता है। एस्कॉर्ट्स सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल के मुताबिक रुपये की चाल आगे फेडरल रिजर्व के संकेतों पर तय होगी। फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और डॉलर में बढ़ोतरी की वजह से रुपया आगे हो सकता है और गिरावट के साथ साल 2022 में घरेलू करंसी 79 से 80 का स्तर भी छू सकती है। उनके मुताबिक साल 2022 में डॉलर के मुकाबले बाकी सभी करंसी के प्रदर्शन में दबाव देखने को मिलेगा। इससे भी रुपये को लेकर सेंटीमेंट्स कमजोर रहेंगे।

अनु चौहान
न्यूज़ हेल्पलाइन

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