जानिए भारत की मेट्रो नेटवर्क के बारे में, आखिर कब और कैसे हुई शुरुआत।।

भारत देश का सबसे पहला मेट्रो की शुरुआत 1984 में कोलकाता में हुई थी। यूं तो वर्तमान में  भारत के कुल 14 नेटवर्क है जहां मेट्रो दौड़ रही है और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पिछले कुछ दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि हुई है। इससे जनता की भलाई के विभिन्न Iक्षेत्रों का विकास हुआ है। परिवहन कोई अपवाद नहीं है। मेट्रो रेलवे का शहरों पर बहुत प्रभाव पड़ता है, चाहे वह रहने की स्थिति या अचल संपत्ति की कीमतों के संबंध में हो। वहीं देश के पास पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क का रिकॉर्ड है, इसकी प्रगति की गति को देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब भारत सबसे बड़े मेट्रो रेल नेटवर्क का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लेगा। वर्तमान समय में, भारत में मेट्रो नेटवर्क 500 किमी से अधिक तक फैला हुआ है। इसके अलावा, देश के 14 शहरों में 600 किमी से अधिक मेट्रो सिस्टम अभी भी प्रगति पर हैं। 

भारत में मेट्रो नेटवर्क

1. कोलकाता मेट्रो रेल नेटवर्क
2. दिल्ली
3. मुम्बई
4. बंगलोर
5. चेन्नई
6. हैदराबाद
7. अहमदाबाद
8. रैपिड मेट्रो गुड़गांव रेल नेटवर्क 
9. जयपुर 
10.नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो रेल नेटवर्क 
11. लखनऊ मेट्रो रेल नेटवर्क
12. नागपुर मेट्रो रेल नेटवर्क
13. पुणे मेट्रो रेल नेटवर्क
14. कानपुर मेट्रो रेल नेटवर्क


लेकिन इन सब नेटवर्कों में से जहां मेट्रो की सुविधा सबसे ज्यादा लोग उठाते है वो है दिल्ली क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मेट्रो दिल्ली वालों की जान है। जब कोविड-19 के दौरान मेट्रो की सुविधा बंद कर दी गई थी तो सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली वालों के लिए हो गई क्योंकि दिल्ली की ट्रैफिक इतनी ज्यादा बुरी है कि लोग यहां अपने वाहनों को मेट्रो पार्किंग में लगा कर मेट्रो से सफर करना ज्यादा किफायती और सही समझते हैं। सभी को पता हैं की मेट्रो रेल क्या है, लेकिन कभी आपने यह पता करने कि कोशिश की है कि आखिर कौन सी कंपनी मेट्रो रेल को बनाती हैं।
लेकिन आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर किन देशों की कंपनियों द्वरा भारत के लिए मेट्रो बनाई जाती है। अक्सर आपने नोटिस किया होगा की मेट्रो के अंदर दरवाजे के पास बॉम्बेर्डियर और हुंडई जैसे बड़े बड़े कंपनी के नाम लिखें होते हैं। क्या आपने सोचा हैं की ये नाम यहाँ क्यो होते हैं। तो आइये जानते हैं इस कंपनी के बारे में।

जब 2002 में दिल्ली मेट्रो की पहली लाइन का उद्घाटन किया गया, तो कोचों को जर्मनी और दक्षिण कोरिया से सीबीयू (पूरी तरह से निर्मित इकाइयों) के रूप में आयात किया गया था।  16 साल बाद देश के सबसे बड़े और दुनिया के 9वें सबसे लंबे मेट्रो नेटवर्क के 300 किमी से अधिक नेटवर्क की 8 लाइनों पर चलने वाले 90% कोच भारत में बने हैं। मेट्रो कोचों के इस स्वदेशीकरण को डीएमआरसी की अनुबंध शर्तों द्वारा सुगम बनाया गया था, जिसने विदेशों में उत्पादन के लिए 25 प्रतिशत की ऊपरी सीमा को भारत में निर्मित करने के लिए शेष राशि के साथ अनिवार्य कर दिया था।  इसके बदले में बॉम्बार्डियर और एल्सटॉम जैसे वैश्विक निर्माताओं ने देश में अपनी सहायक और संयुक्त उद्यम बनाने के लिए लाया।

सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों और ऑपरेटरों, नीति निर्णय निर्माताओं, वैज्ञानिक संस्थानों और सार्वजनिक परिवहन आपूर्ति और सेवा उद्योग के लिए एक गैर-लाभकारी वकालत संगठन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पब्लिक ट्रांसपोर्ट (यूआईटीपी) के अनुसार, भारत में निर्मित मेट्रो कोचों की पूंजीगत लागत जो की दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी कम हैं।  UITP का अनुमान है कि भारत में निर्मित एक कोच की पूंजीगत लागत लगभग 89.4 मिलियन (US$ 1.35 मिलियन) है, जो वैंकूवर (US$ 2.5 मिलियन) और सैन फ्रांसिस्को (US$ 2.30 मिलियन) की लागत से कम है।

भारत में तीन मेट्रो कोच निर्माण इकाइयां पहले से ही परिचालन में हैं।

वडोदरा के पास सावली में बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन;  चेन्नई (तमिलनाडु) के पास श्रीसिटी में एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल), बेंगलुरु।  हिताची, मित्सुबिशी, हुंडई और कुछ चीनी कंपनियों जैसे अन्य प्रौद्योगिकी भागीदारों के साथ इन तीन कंपनियों में से एक या अधिक कंपनियों के साथ कंसोर्टियम बनाने वाले अन्य कंपनी भी हैं।

बॉम्बार्डियर तीन दशक से कर रहा भारतीय रेलवे की आपूर्ति।

बॉम्बार्डियर कंपनी रेल वाहन, ऊपकरण निर्माण और सर्विसिंग उद्योग मे दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी मे से एक है और यह कनाडा की कंपनी हैं। इस कंपनी को 1970ई. मे शुरू किया गया था व 1970 में ही इस कंपनी ने रेल बाजार मे प्रवेश किया था। भारत मे मेट्रो रेल की डिलीवरी करने वाली बॉम्बेर्डियर कंपनी इन में से एक हैं। इस कंपनी ने अब तक भारत मे  800 से भी ज्यादा मेट्रो रेल की डिलीवरी की है। बता दें कि यह कंपनी भारत के साथ पिछले 15 साल से जुडी हुई है। 

भारत मे बॉम्बेर्डियर ने अपनी पहली मेट्रो रेल 2007 मे डिलीवरी की थी। वहीं बॉम्बेडियर ने अपनी शाखा भारत मे भी खोल रखी हैं जो की गुजरात मे स्थित है। जिससे अब भारतीय मेट्रो रेल का निर्माण भारत मे ही होती है। तो यह थी कुछ कम्पनिया जो भारत को मेट्रो रेल और नए तकनिकी वाहनो की डिलीवरी करती हैं।
हुंडई रोटेम।

हुंडई रोटेम एक वैश्विक भारी उद्योग कंपनी है जो रोलिंग स्टॉक, सैन्य उपकरण और प्लांट इंजीनियरिंग के निर्माण में माहिर है। यह इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट सहित सभी प्रकार के रोलिंग स्टॉक का उत्पादन करने में सक्षम है। 

हुंडई रोटेम फेमस कंपनी हुंडई मोटर ग्रुप का ही एक पार्ट हैं, जिसकी स्थापना 1977 मे हुई थी, यह एक साउथ कोरियाई कंपनी हैं। यह एक विश्व स्तरीय रेलरोड कार डिजाइनर, कंपनी हैं, जो आपने ग्राहकों को, हाई स्पीड ट्रेन, मेट्रो, ट्रेन, डीज़ल कारो इत्यादि की पेशकस करती हैं।

हुंडई रोटेम कंपनी ने अब तक भारत के बहुत से राज्य को अपनी मेट्रो रेल सप्लाई की है। साथ ही इस कंपनी ने भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए बहुत सी लड़ाकू वाहन भी दिए हैं। लेटेस्ट खबर के अनुसार माने तो इस कंपनी ने भारतीय सेना के T-72 टैंको को बदलने के लिए 2000 लेटेस्ट लड़ाकू वाहन बनाने के लिए तैयार हैं। तो यह कुछ कंपनियां हैं जो भारत को मेट्रो रेल और नए तकनिकी वाहनों की डिलीवरी करती हैं।

शुभम यश
न्यूज़ हेल्पलाइन

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