जानें भारत के किस राज्य में हिन्दू हुए अल्पसंख्यक।।

केरल एक ऐसा राज्य है जहां पर इस राज्य की खूबसूरती में धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से देखने को मिलती है। जहां देश में सबसे पहले ईसाई धर्म और बाद में मुस्लिम धर्म ने दस्तक दी। देश का पहला चर्च और पहली मस्जिद केरल में ही है। दोनों ही धर्मों के बीच हिन्दू आबादी को धर्मान्तरित करने का लक्ष्य था, जो अब तक जारी है। केरल में हिन्दू आबादी के विघटन के बाद यहां मिली जुली संस्कृति निर्मित हो गई।


इसके चलते ही इस भारतीय राज्य में वामपंथी वर्चस्व बढ़ गया। केरल को भारत का सबसे गरीब लेकिन सबसे शिक्षित राज्य माना जाता रहा है। लेकिन वर्तमान की बात करें तो इस राज्य में हिंदू की आबादी घटती जा रही है, तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से ये बताएंगे कि केरल में कुल कितने मंदिर हैं और आखिर क्यों केरल में  हिंदुओ की आबादी घटती जा रही है।

केरल में कुल 7 प्रसिद्ध मंदिर है। जिनके नाम कुछ इस प्रकार से है। सबरीमाला संस्था मंदिर, श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, वडक्कुनाथन मंदिर,अटुकल भगवती मंदिर, ताली मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, कवियूर महादेवर मंदिर, वैकोम मंदिर। ये सभी मंदिर केरल में प्रसिद्ध हैं और कुछ मंदिर तो ऐसे है जहां सिर्फ हिंदुओ को जाने की अनुमति है। ये मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। आपको बता दें, केरल भगवान परशुराम जी द्वारा निर्मित दक्षिण भारत में मौजदू मालाबार तट का एक खूबसूरत राज्य है। केरल राज्य को देवताओं की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। केरल में बहुत ही भव्य मंदिर हैं, जहां पर्यटकों की भीड़ हर साल लाखों में जुड़ती है।

आखिर केरल में हिंदुओ कि आबादी घटती क्यों जा रही है।

भारत में सबसे धार्मिक रूप से विविध राज्यों में से एक होने की प्रतिष्ठा रखता है। लेकिन वर्तमान में केरल की कुल 3.50 करोड़ आबादी का 54.7 प्रतिशत भाग ही हिन्दू हैं जबकि 26.6 फीसदी मुस्लिम और 18.4 प्रतिशत ईसाई हैं। केरल में आबादी का संतुलन खासकर ईसाई मिशनरियों ने बिगाड़ा। हिन्दुओं का धर्मांतरण कर वहां की आबादी में कट्टरपंथी मुस्लिमों और वामपंथियों को वर्चस्व की भूमिका में ला खड़ा किया। 


2011 की धार्मिक जगनणना के आंकड़ों के अनुसार हिन्दुओं की आबादी 16.76 प्रतिशत की दर से तो मुस्लिमों की आबादी 24.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी। पहली बार हिन्दुओं की आबादी वहां 80 प्रतिशत से नीचे आ गई। एक छोटा-सा गुट कट्टर सुन्नी इस्लाम को मानता है जिसे सलफी मुस्लिम कहते हैं, लेकिन इसकी गतिविधि ने राज्य के अन्य धर्मों के लोगों की जिंदगी मुश्किल में डाल दी है।

इस राज्य में राज्य सरकार की नीति के तहत अरब और खाड़ी देशों का दखल ज्यादा है। बाहरी दखल के चलते केरल के शांतिप्रिय मुस्लिम भी अब कट्टरता की राह पर चल पड़े हैं। वर्तमान में केरल के मल्‍लापुरम, कासरगोड, कन्‍नूर और पलक्‍कड़ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मुस्लिमों का जोर चलता है। यहां हिन्दू लोग दबाव में रहते हैं। 

तनीषा अरोड़ा
न्यूज़ हेल्पलाइन

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