76 वां स्वतंत्रता दिवस : हर घर तिरंगा अभियान ने विश्व में तोड़े रिकॉर्ड, देशभक्ति के रंग में डूबा भारत।।
भारत इस वर्ष आजादी का 75वां वर्षगांठ मनाने जा रहा है। भौगोलिक, धार्मिक व सांस्कृतिक विविधता वाला यह देश आजादी के 75 सालों में मोहब्बत व नफरत के कई पड़ाव से होकर गुजरा है। साल 1947 में भारतीयों ने इस दिन ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, यह भारत का राष्ट्रीय त्योहार है। इस दिन भारत ब्रिटिशों के औपनिवेशिक शासन से मुक्त हो गया था। इस वर्ष 15 अगस्त के उपलक्ष्य में हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोगों को भारतीय ध्वज फहराने व घर लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। अगस्त के शुरुआती दिनों से ही स्कूल, कॉलेज से लेकर देश के सरकारी विभागों में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। साथ ही स्वतंत्रता दिवस के दिन विशेष कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियां भी चल रही हैं।
आखिर क्यों मनाया जाता है 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस?
15 अगस्त वह दिन है जब हमें अग्रेजों से आजादी मिली थी।माउंटबेटन भारत के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर-जनरल थे। जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई वर्षों और महीनों के संघर्ष, कठिनाई और अहिंसा अभियानों के बाद ब्रिटिश संसद ने आखिरकार लॉर्ड माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक सत्ता ट्रांसफर करने का जन आदेश दिया था। लेकिन माउंटबेटन ने तारीख को आगे बढ़ा दिया और 15 अगस्त 1947 को सत्ता ट्रांसफर की तिथि के रूप में निर्धारित किया।
सरकार ने चलाया 'हर घर तिरंगा' कैंपेन।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता दिवस को खास बनाने के लिए सरकार 'हर घर तिरंगा' कैंपेन चला रही है। यह अभियान 13 अगस्त से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र ने देशवासियों से अपील की है कि सभी देशवासी अपने घरों पर आजादी के इस अमृत महोत्सव पर 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराएं।
अभियान का क्या है उद्देश्य?
इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारत में राष्ट्रीय ध्वज को कैसे नियंत्रित किया जाता है यह भारत के ध्वज संहिता 2002 भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया है। यह राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग, प्रदर्शनी और फहराने पर गाइडलाइन प्रोवाइड करता है। भारत का ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था। जो कि प्राइवेट पब्लिक और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ध्वज के प्रदर्शन को नियंत्रित करता है।
चंडीगढ़ सेक्टर 16 क्रिकेट स्टेडियम में बन गया ‘तिरंगा’ वर्ल्ड रिकॉर्ड।
चंडीगढ़ का नाम 13 अगस्त 2022 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया। यहां पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 7500 लोगों ने एकसाथ खड़े होकर विश्व का सबसे बड़ा ह्यूमन फ्लैग बनाया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड यूएई के नाम था, जिसे अब तोड़ दिया गया है। चंडीगढ़ में शनिवार को अनोखा नजारा देखने को मिला।
चंडीगढ़ के लोगों ने वह कर दिखाया जिसका पूरे देश को इंतजार था। यहां पर लोगों ने वो देखा, जो शायद आज से पहले लोगों ने कभी नहीं देखा था। इस इवेंट में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इस दौरान पूरा क्रिकेट स्टेडियम भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे नारों से गूंजता रहा। इस नजारे को देखने के लिए हजारों लोग स्टेडियम में मौजूद रहे।
तनीषा अरोड़ा
न्यूज़ हेल्पलाइन
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