अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के इजराइल पहुंचने पर क्यों बढ़ा ईरान मे तनाव, जानिए पूरी खबर।।
जो बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार 13 जुलाई को इजराइल पहुँचे। उनके विमान के उतरते ही इजराइल के वर्तमान कार्यवाहक प्रधानमंत्री याईर लापिड और इजरायली राष्ट्रपति आइजैक हेरजॉग ने बाइडेन का हवाई अड्डे पर स्वागत किया। आपको बता दें कि जो बाइडेन तीन दिवसीय मध्य–पूर्व के दौरे पर हैं। वह पहले इजराइल पहुँचने के बाद इजरायली कब्जे वाले वेस्टबैंक के अधिकारियों से मिलेंगे। उसके बाद वे सऊदी अरब के लिए रवाना होंगे।
बाइडेन के इस दौरे के क्या मायने हैं?
वैसे तो राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यभार सँभालने के बाद यह समझा जा रहा था कि वे मध्य-पूर्व क्षेत्र को अधिक महत्त्व नहीं देंगे। परंतु रूस-यूक्रेन युद्ध और उससे उत्पन्न हुए वैश्विक ऊर्जा संकट से निपटने के लिए यह दौरा अहम माना जा रहा है। इसके साथ-साथ पूरे क्षेत्र के लिए ईरान अपने नाभिकीय (Nuclear) शक्ति बनने के स्वप्न के कारण एक संकट के तौर पर उभर रहा है। इस मुद्दे पर भी इजरायल राष्ट्रपति बाइडेन का साथ चाहेगा।
बाइडेन ने ईरान को दी चेतावनी कहा।
तेल अवीव पहुँचने पर राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने पहले संबोधन में कहा कि उनकी नज़र में दोनों देशों के संबंध सबसे ज़्यादा घनिष्ठ दौर में हैं। इसके अलावा अमेरिका इजराइल को रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ विज्ञान और तकनीक में भी अपना सहयोग जारी रखेगा। उन्होंने ईरान के नाभिकीय कार्यक्रम का भी कड़ा विरोध किया। बाइडेन ने साफ किया कि अमेरिका को यदि ईरान को नाभिकीय शक्ति बनने से रोकने के लिए बल प्रयोग भी करना पड़े, तो वह इससे पीछे नहीं हटेगा। दोनों देशों ने ‘यरुशेलम घोषणापत्र’ के नाम से सरकारी सूचना जारी करते हुए इजराइल के अपने रक्षा के अधिकार को मान्यता दी।
ईरान ने भी किया पलटवार, कहा अमेरिका करे पुनर्विचार।
सूत्रों के अनुसार बाइडेन जब सऊदी अरब की यात्रा पर जाएँगे तो वह इजराइल-सऊदी संबंधों को सुधारने के लिए सऊदी राजघराने से इस संबंध में वार्ता कर सकते हैं। उम्मीद तो यह भी जताई जा रही है कि इस वार्ता के बाद सऊदी अरब इजराइल को औपचारिक तौर से मान्यता दे देगा। इन खबरों के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने बयान जारी कर कहा कि यदि अमरीकी अधिकारी इस क्षेत्र में अपने दौरे से इजराइल के संबंध कुछ देशों से सुधारना चाहते हैं और इजराइल को मजबूती देना चाहते हैं तो वह समझ लें कि उनका कोई भी कदम यहूदी देश की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति के मध्य-पूर्व दौरे पर ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यदि अमेरिका क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है तो वह अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करे।
यशस्वी
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