आखिर पाकिस्तानी सेना प्रमुख बाजवा ने क्यों दिया सैन्य अधिकारियों को राजनीति से दूर रहने का निर्देश,क्या है कारण….जानें अभी।।
इस बात से तो सभी परिचित हैं कि पाकिस्तान में सेना ही सत्ता चलाती है। जिसके सिर पर सेना का हाथ हो, वही पाकिस्तान की सत्ता की बागडोर संभाल सकता है। कई बार तो सेना ने सत्ता परिवर्तन करके स्वयं सरकार चलाई है। परंतु जब किन्ही कारणों से उसे पीछे हटना पड़ता है तो वह किसी कठपुतली के तौर पर किसी अन्य राजनेता को सरकार संभालने की ज़िम्मेदारी दे देती है। हालांकि ऐसी मुखौटा रूपी सरकार के पीछे से सेना ही असल शासन कर रही होती है। तो समझने वाली बात यह है कि पाकिस्तान की सियासत में सेना का दखल हमेशा ही रहता है। ऐसे में वर्तमान पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने सभी कमांडरों को राजनीति से दूर रहने की सलाह देकर सभी को चौका दिया है।
जानिए क्या है मामला?
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सेना से जुड़े सभी मुख्य अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि वह राजनीतिक गतिविधियों में न शामिल हो और इससे दूरी बनाके रखें। सेना प्रमुख के इस बयान के बाद पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने भी अपने अधिकारियों से इस कथन का पालन करने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई संबंधित अधिकारी इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसपर सख़्त करवाई की जाएगी।
बाजवा के बयान पीछे क्या है कारण?
हाल ही में सत्ता से बेदखल किए पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान बौखलाए हुए हैं। उन्होंने अपनी सत्ता गवाने का सारा इल्जाम सेना पर लगया। उनके अनुसार पाकिस्तानी सेना ने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा और उन्हें सत्ता से हटा दिया। तभी से इमरान खान और उनके समर्थकों ने सेना के पाकिस्तानी सियासत में दखल के खिलाफ़ अभियान छेड़ रखा है। हाल ही में पाकिस्तान के सूबे पंजाब में होने वाले चुनाव में भी इमरान खान की पार्टी PTI ने सेना के दखल के आरोप लगाए हैं। इन सब आरोपों से पाकिस्तानी सेना की इज्ज़त मिट्टी में मिल रही है। इसलिए बाजवा को यह बयान जारी करना पड़ा।
क्या कहा पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ(PTI) ने?
इमरान खान और PTI ने कहा कि सेना आगामी पंजाब उपचुनाव में दखल दे रही है। उन्होंने कुछ ISI के अधिकारियों पर भी चुनाव में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। PTI के कई अन्य प्रमुख नेता जैसे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री यास्मीन राशिद और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी उपचुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया। इन सब पर सफाई देते हुए रक्षा से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि जिस अफ़सर पर आरोप लगाया जा रहा है, वह तो कई दिनों से प्रांत में मौजूद ही नहीं है।
अंजान नंबरों से आ रहे PTI नेताओं को फोन।
पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ(PTI) का यह भी कहना है कि उनके कई नेताओं को अंजान नंबरों से धमकी भरे फ़ोन आ रहे हैं और उन पर उपचुनाव को लेकर दबाव डाला जा रहा है। इन आरोपों पर रक्षा अधिकारियों ने खेद जताते हुए कहा कि PTI को इन घटनाओं के साक्ष्य सबसे साझा किए जाने चाहिए ताकि उपयुक्त करवाई की जा सके।
यशस्वी
न्यूज़ हेल्पलाइन
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