जानें पानी कहां-कहां बना कहर, बाढ़-बारिश और बादल फटने का प्रकोप।।
बारिश के दिनों में बादल फटने की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं। बादल का फटना बड़े त्रासदी की वजह बनता है। कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटा है जिसकी वजह से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 40 से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं। इससे पहले हिमाचल के कुल्लू में बादल फटा था। उत्तराखंड में अक्सर बादल फटने की घटनाएं सामने आती रहती हैं वहीं पर्वतीय राज्यों में आए दिन बादल फटने का खतरा बना रहता है। आइये पुरी खबर जानते हैं।
जानें कहां-कहां फटा बादल।
कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से पूरे इलाके में तबाही मच गई है। अब तक इस घटना में 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से ज्यादा लोग लापता है। NDRF और सेना के जवान हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। भारतीय वायुसेना ने कहा कि अब तक 29 लोगों को बचाया जा चुका है। इनमें से 9 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं व उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से तबाही मची वो थमी भी नहीं थी कि एक और बुरी खबर आ गयी। जम्मू के डोडा जिले के ठाठरी में बादल के फिर फटने से तबाही का मंजर दिखने लगा। राहत की बात यह है कि डोडा में बादल फटने से किसी के जानमाल का नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, बादल फटने से मलबे के नीचे कई वाहन और घर आ गये है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पिछले बुधवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गयी थी, जिसमें कम से कम 7 लोग बह गए थे।
गौरतलब है कि, बरसात के दिनों में अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने या क्लाउडबर्स्ट की घटना सामने आती है। बादल जिस इलाके में फटता है वहां भारी तबाही मच जाती है। बादल फटने से जान और माल दोनों को बेहिसाब नुकसान होता है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश जारी है। कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। घाटी के मलाणा में बादल फटने के कारण आई बाढ़ से जहां स्थानीय लोगों के आठ से 10 करीब वाहन बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। उधर शिमला के धाली इलाके में बीते मंगलवार शाम को भारी बारिश के बीच एक लड़की की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। जब भूस्खलन हुआ तब लड़की सड़क किनारे सो रही थी। घायल लोगों को बचा लिया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। मलबे की चपेट में कुछ वाहन भी आए है। इसके अलावा, पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में इस दौरान भारी बारिश जारी रही।
क्या आप जानते हैं कि क्या होता है बादल फटना और क्यों फटते हैं बादल।आज हम आपको बताते है कि बादल फटना क्या होता है।
बारिश के सबसे भीषण स्वरूप को बादल फटना कहते हैं। यह बारिश का सबसे चरम रूप होता है। बादल फटने के कारण एक जगह अचानक इतनी तेज बारिश होती है कि कुछ ही देर में बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, एक घंटे में 10 सेंटीमीटर या उससे भी ज्यादा तेज बारिश हो तो उसे बादल का फटना कहते हैं। बरसात के दिनों में कभी-कभी किसी जगह एक से ज्यादा बादल भी फट जाते हैं। ऐसी हालत में उस इलाके में ज्यादा तबाही देखने को मिलती है वहीं जानमाल का अधिक से अधिक नुकसान होता है। उत्तराखंड में 2013 को ऐसी ही तबाही देखने को मिली थी।
आखिर क्यों फटते हैं बादल?
बादल में नमी के रूम में पानी की बूंदें होती हैं। जब इनका भार ज्यादा हो जाता है तो ये बूंदे बनकर नीचे गिर जाती हैं। सामान्य तौर पर इसे बारिश समझा जाता है लेकिन बादल फटने की घटना तब होती है जब भारी मात्रा में नमी वाले बादल एक ही जगह जमा होने लगते हैं।
ऐसे होने पर बादल में मौजूद नमी कई बूंद बनकर एक जगह जमा होने लगती है। आपस में मिलकर पानी की बूंदें इतनी भारी हो जाती है कि एक साथ भारी मात्रा में बरसात होने लगती है।
सूचना यादव
न्यूज़ हेल्पलाइन
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